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10. लागत उन्मुख मूल्य निर्धारण और मांग-उन्मुख मूल्य निर्धारण के बीच अंतर करें।

लागत उन्मुख मूल्य निर्धारण और मांग-उन्मुख मूल्य निर्धारण दो विभिन्न मूल्य निर्धारण प्रक्रियाएँ हैं, जो व्यवसायों द्वारा उत्पादों और सेवाओं के मूल्य को प्रबंधित करने में उपयोग की जाती हैं।

  1. लागत उन्मुख मूल्य निर्धारण (Cost-Oriented Pricing): इस प्रक्रिया में, व्यवसाय संग्रहण लागतों के आधार पर उत्पाद या सेवाओं के मूल्य को तय करता है। यह मूलभूत लागतों की जोड़, लाभ का अनुमान, और एक निश्चित मार्जिन की आवश्यकता के साथ आधारित होता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि व्यवसाय उत्पादों और सेवाओं की लागत को पूरी तरह से कवर करें और लाभ कमा सकें। यह आमतौर पर पैमाने पर मूल्य निर्धारण के लिए उपयुक्त होता है, जहां पैमाने की स्थापना और उत्पादन के लिए लागतों की गणना संवेदनशील होती है।
  2. मांग-उन्मुख मूल्य निर्धारण (Demand-Oriented Pricing): इस प्रक्रिया में, व्यवसाय उत्पादों और सेवाओं की मांग और विशेष बाजार परिस्थितियों के आधार पर मूल्य तय करता है। इसमें उत्पादों की मूल्य संरचना को खरीददारों के प्रतिक्रियाओं, आर्थिक परिस्थितियों, और प्रतिस्पर्धा के साथ मेल करती है। इसका मुख्य उद्देश्य है लाभ कमाना, आर्थिक मांग को पूरा करना, और बाजार में साझा कुछ रहने की कोशिश करना।

इस तरह, लागत उन्मुख मूल्य निर्धारण लागतों के आधार पर होता है, जबकि मांग-उन्मुख मूल्य निर्धारण मांग और बाजार की परिस्थितियों के आधार पर होता है। दोनों निर्धारण प्रक्रियाएँ व्यवसाय के लिए मूल्य निर्धारण में मदद करती हैं, लेकिन उनके उपयोग के कारण उनमें अंतर होता है।

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