राजनीतिक सिद्धांत क्या है। IGNOU MA POLITICAL SCIENCE NOTES IN HINDI
राजनीतिक सिद्धांत में केवल हम राजनीति के बारे में ही पढते हैं। इस सिद्धांत में राजनीति के बारे में ही जानते हैं। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जिसके जीवन के विविध पहलू हैं। विविध पहलुओं की विवेचना विभिन्न सामाजिक शास्त्रों के अधीन की गई है, जिसमें राजनीति एक अहम सामाजिक विज्ञान है।
आइये जानते है राजनीतिक सिद्धांत का अर्थ –
“राजनीतिक सिद्धांत” को अंग्रेजी में पॉलीटिकल थियॉरी कहते हैं। सिद्धांत शब्द की व्युत्पत्ति यूनानी सिद्धांतों से हुई है। सिद्धांत का अर्थ है मनन की अवस्था या चिंतन की स्थिति अर्थात जब हम किसी भी तथ्य को समझने के लिए कुछ तथ्य के साथ चिंतन करते हैं तो उसे सिद्धांत कहा जाता है। अब यहां समझने वाली बात यह है कि सिद्धांत का अर्थ क्या है। सिद्धांत का अर्थ यही है कि जब हम किसी चीज को समझने की कोशिश करते हैं।
राजनीति से संबंधित सिद्धांत है। इसका संबंध राजनीति के विज्ञान व दर्शन से है। स्वयं राजनीति शब्द भी अपने आप में व्यापक है जिसमें राजनीतिक संस्थाओं की संरचना, उनकी कार्यप्रणाली उनके लक्ष्य उनके कानून बनाने, वह मनवाने की शक्ति तथा उनके अन्य व्यवस्थाओं जैसे सामाजिक आर्थिक राजनीति से संबंधित है। राजनीति सिद्धांत राजनीति के सभी पहलुओं के अध्ययन विश्लेषण समीक्षा तथा व्यवहार का विषय है।
विचारक –
- सेबाइन के शब्दों में व्यापक तौर पर “राजनीतिक सिद्धांतका संबंध उन बातों से है जो कि राजनीति से संबंधित अथवा प्रासंगिक है। संकीर्ण दृष्टि में इसका अर्थ राजनीति समस्याओं को विधिवत जांच से है।
- एड्रहेक्कर के अनुसार राजनीति सिद्धांत एक और अच्छे राज्य तथा समाज से संबंधित नियमों पक्षपात रहित तलाश करता है। वहीं दूसरी ओर राजनीतिक और सामाजिक वास्तविकता से संबंधित ज्ञान की खोज करता है।
- हेल्ड के अनुसार राजनीति सिद्धांत, राजनीतिक जीवन, विषयक, अवधारणा तथा सिद्धांतों का बना हुआ जाल है जिसमें सरकार राज्य समाज की मुख्य विशेषताओं, उनकी प्रकृति व उद्देश्य से संबंधित विचारों व मान्यताओं तथा मनुष्य के राजनीतिक सामर्थ्य का अध्ययन करते हैं।
- कैटलिन के अनुसार राजनीतिक सिद्धांतके अधीन राज दर्शन और राज्य विज्ञान दोनों शामिल है।
निष्कर्ष –
अंत में आधुनिक युग में राजनीतिक सिद्धांत की सबसे सटीक परिभाषा यह है कि राजनीतिक सिद्धांत का उद्देश्य राजनीति शब्द का विश्लेषण तथा स्पष्टीकरण है तथा उसे से संबंधित सभी अवधारणाओं की आलोचनात्मक समीक्षा सत्यापन तथा औचित्य सम्मिलित है जो राजनीतिक तर्क वितर्क का अंश होते हैं।