अधिकार क्या है? अधिकार कितने प्रकार के होते है? IGNOU MA POLITICAL SCIENCE NOTES IN HINDI

राज्य के द्वारा नागरिकों को अपने व्यक्तित्व के विकास हेतु कुछ सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इन्ही सुविधाओं को अधिकार कहा जाता है। राज्य के द्वारा दिए गए अधिकारों से ही नागरिक अपनी शारीरिक मानसिक एवं नैतिक शक्तियों का पूर्ण विकास कर पाता है।

लास्की के अनुसार –

लास्की ने अधिकार के बारे में बताया है कि एक राज्य अपने नागरिकों को जिस प्रकार के अधिकार प्रदान करता है, उन्हीं के आधार पर राज्य को अच्छा या बुरा कहा जा सकता है। इसकी परिभाषा को व्यक्त करते हुए लास्की ने कहा है कि अधिकार सामाजिक जीवन की वे परिस्थितियां हैं, जिनके अभाव में सामान्यतया कोई भी नागरिकों अपने व्यक्तित्व का विकास नहीं कर पाता है।

अधिकारों को समर्थक दो भागों में विभाजित किया जाता है।
  • सबसे पहले आप का नैतिकअधिकार यानी मॉरल राइट और
  • दूसरा कानूनीअधिकार यानी लीगल राइट।

अब हम दोनों प्रकारों को एक-एक करके समझते हैं।

नैतिक अधिकार (moral right) –

नैतिकअधिकार वे अधिकारहोते हैं जिनका संबंध मानव के नैतिक आचरण से होता है। इनअधिकारों को कानून का संरक्षण प्राप्त नहीं होता है। यानी अगर कोई नागरिक नैतिकअधिकार का पालन नहीं करता है तो कानून उसे दंडित नहीं कर सकता है। इन्हें सिर्फ समाज के द्वारा ही स्वीकृत किया जाता है।

जैसे अगर कोई नागरिक वृद्ध हो गया है तो यह उसका नैतिकअधिकार है जो उसके बच्चे उसकी देखभाल ठीक उसी तरह करें जैसे उसने अपने बच्चों की देखभाल की थी। जब वे छोटे थे तो आप देखी ही पाते होंगे कि आजकल ऐसे कई लोग हैं जो अपने वृद्ध मां बाप का ध्यान नहीं रखते हैं। लेकिन इस सब में जो कानून है, इन सब मामलों में दखल नहीं दे सकता है तो यही था आप का नैतिक अधिकार।

कानूनी अधिकार

अब जो अधिकार का दूसरा प्रकार कानूनी अधिकार है। उसके बारे को समझ लेते हैं। कानूनीअधिकार वे विशेषाधिकार होते हैं जो एक नागरिक को अपने राज्य द्वारा प्रदान किए जाते हैं और अगर कोई नागरिक इन अधिकारोंका उल्लंघन करता है तो कानून उसे दंडित भी कर सकता है।

कानूनी अधिकारों को भी दो भागों में विभाजित किया जाता है।
  • सबसे पहला आपका सामाजिक या नागरिकअधिकार और
  • दूसरा राजनीतिकअधिकार।

सबसे पहले देख लेते हैं कि यह सामाजिक या नागरिक अधिकार क्या है?

सामाजिक या नागरिक अधिकार –

सामाजिक या नागरिक अधिकार वे अधिकारहोते हैं जो राज्य के भीतर रहने वाले सभी नागरिकों को प्राप्त होते हैं चाहे वे देशी हो या विदेशी। राज्य अपने कानून के द्वारा नागरिकों के इनअधिकारों की रक्षा करता है।

सामाजिक अधिकार निम्मलिखित है  –
  • सबसे पहला है आपका सामाजिक समानता काअधिकार,
  • दूसरा आर्थिक समानता काअधिकार
  • तीसरा व्यक्तिगत स्वतंत्रता काअधिकार,
  • चौथा, विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता काअधिकार,
  • पांचवा, रोजगार काअधिकार
  • छठा, शिक्षा काअधिकार और
  • सातवा धार्मिक स्वतंत्रता काअधिकार।

यह सामाजिक या नागरिक अधिकारहै। अब हम जान लेते हैं कि जो कानूनीअधिकार का जो दूसरा प्रकार है राजनीतिकअधिकार के बारे में।

राजनीतिक अधिकार –

राजनीतिक अधिकार वे अधिकारहोते हैं जिनके द्वारा जनता को शासन कार्य में भाग लेने का अधिकारमिलता है। यह केवल देश के नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं विदेशियों को नहीं।

राजनीतिक अधिकार कौन कौन से होते है –
  • सबसे पहले आपका मत देने काअधिकार
  • दूसरा निर्वाचित होने काअधिकार
  • तीसरा, सार्वजनिक पद या सरकारी नौकरी प्राप्त करने काअधिकार और
  • चौथा सरकार की आलोचना करने काअधिकार या फिर शिकायतों को सरकार तक पहुंचाने काअधिकार।

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