किसी व्यक्ति का व्यवहार बहूत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि वह पर्यावरण को किस रुप में देखता है। इस कथन पर टिप्पणी कीजिए। अपने विचारो के समर्थन में उदाहरण दीजिए।

(iii) धारणा: एक अर्थपूर्ण तरीके से पर्यावरणीय उत्तेजना की व्याख्या करने के लिए संज्ञानात्मक प्रक्रिया को धारणा के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने संदर्भ के आधार पर पर्यावरणीय उत्तेजना को व्यवस्थित और व्याख्या कर सकता है। ऐसे कई कारक हैं जो किसी व्यक्ति की धारणा को प्रभावित करते हैं। धारणा का अध्ययन प्रबंधकों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैंगर्स के अनुकूल अनुकूल वातावरण बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण है ताकि कर्मचारी उन्हें सबसे अनुकूल तरीके से समझ सकें। यदि कर्मचारियों को सकारात्मक तरीके से समझने जा रहे हैं तो कर्मचारियों को बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना है।

(iv) दृष्टिकोण: मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, रवैया को कुछ वस्तुओं, व्यक्तियों या परिस्थितियों के अनुकूल या प्रतिकूल प्रतिक्रिया देने की प्रवृत्ति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। परिवार, समाज, संस्कृति, साथियों और संगठनात्मक कारकों जैसे कारक रवैये के गठन को प्रभावित करते हैं। किसी संगठन में प्रबंधकों को नौकरी से संबंधित चर का अध्ययन करने की आवश्यकता होती है ताकि काम के माहौल को अनुकूल तरीके से बनाया जा सके कि कर्मचारियों को उनके संबंधित नौकरियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाने का लुत्फ उठाया जा सके। अगर वे सकारात्मक दृष्टिकोण बनाते हैं तो कर्मचारी संगठन में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

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