प्रयोजनमूलक हिंदी
हिंदी भाषा के तीन विविध रूप है – 1 सामान्य हिंदी, 2 साहित्यिक हिंदी और 3 प्रयोजनमूलक हिंदी। जिस भाषा का प्रयोग किसी विशेष प्रयोजन की सिद्धि के लिए किया जाए, वह भाषा प्रयोजनमूलक भाषा कहलाती है। प्रयोजनमूलक हिंदी, हिंदी के आगे प्रयोजनमूलक शब्द एक विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है। यानी कि यह हिंदी की विशेषता बताता है कि हिंदी का एक उद्देश्य है। प्रयोजनमूलक हिंदी को हम कामकाजी हिंदी तथा व्यावहारिक हिंदी भी कहते हैं।
- प्रयोजन का अर्थ उद्देश्य होता है। हम सभी जो भी काम करते हैं तो हमारा उस कार्य के प्रति कोई ना कोई उद्देश्य होता है। वह कार्य हम किसी न किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए करते हैं।
- मुलक शब्द का अर्थ आधारित होता है।
कुल मिलाकर हमें कह सकते हैं कि ऐसी हिंदी जो किसी उद्देश्य पर आधारित होती है या हिंदी का एक ऐसा रूप जो कि किसी उद्देश्य पर आधारित होता है। उसे हम प्रयोजनमूलकहिंदी कहते हैं। जब हम प्रयोजनमूलक हिंदी नाम देते हैं तो कहीं ना कहीं हमारे मस्तिष्क में प्रश्न उठ करके आता है। क्या कोई ऐसी हिंदी भी है जिसका प्रयोजन नहीं है या कोई ऐसी भाषा है जिसका कोई प्रयोजन नहीं है।
यहां पर एक बात आप लोगों को बहुत अच्छे से समझ नहीं चाहिए कि कोई भी ऐसी भाषा नहीं, जिसका की कोई प्रयोजन न होता हो। क्योंकि भाषा का सबसे मुख्य प्रयोजन भावों और विचारों की अभिव्यक्ति है यानी कि भावों और विचारों का संप्रेषण है। किसी भी भाषा के माध्यम से हम अपने भावों विचारों को दूसरों तक पहुंचाते हैं और दूसरों के भावों विचारों को समझते हैं।
हिंदी के आगे प्रयोजन मूलक विशेषण लगाने का क्या प्रयोजन है? क्यों हम हिंदी को केवल हिंदी ना कह करके इसको हम प्रयोजनमूलकहिंदी कह रहे एक विशिष्ट नाम दे रहे हैं। प्रयोजनमूलक हिंदी केवल बातचीत की भाषा वार्तालाप की भाषा संप्रेषण की भाषा एवं साहित्य की भाषा न होकर के रोजगार परक भाषा है। यह जीविकोपार्जन की भाषा है और यह भाषा जो है यह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग होने वाली भाषा है। इसीलिए इसको यह दिया गया है कि प्रयोजनमूलक भाषा यानी कि हिंदी के एक प्रयोजन ना हो करके इसके बहुत सारे प्रयोजन हो जाते हैं।
जब हिंदी के बहुत सारे प्रयोजन हो जाते हैं तो हम उसे प्रयोजनमूलक हिंदी कहते हैं तो अब हम बात करते हैं ये प्रयोजन किन-किन क्षेत्रों में होते हैं और किन-किन क्षेत्रों में हिंदी का प्रयोग किया जाता है और किस लिए किया जाता है तो हिंदी जो है अभी वर्तमान समय में अगर हम बात करें तो वह तकनीकी भाषा हिंदी है। प्रौद्योगिकी की भाषा हिंदी है। विज्ञान की भाषा हिंदी है। आयुर्वेद की भाषा हिंदी है। कृषि की भाषा हिंदी है। जनसंचार की भाषा हिंदी है। दूरदर्शन की भाषा हिंदी है। समाचार पत्रों की भाषा हिंदी है। व्यवस्था क्रियाकलापों की भाषा हिंदी है। कार्यालयों की भाषा हिंदी है और हमारे देश के अनेक राज्यों की राजभाषा हिंदी है।
हमारे देश की संपर्क भाषा हिंदी है। हिंदी के जब एक से अधिक प्रयोग होने लगे तब इसे प्रयोजनमूलकहिंदी कहा जाने लगा। किसी भी भाषा को विकसित करना तथा उसके माध्यम से कार्य को आगे बढ़ाना प्रयोजनमूलक भाषा का प्रमुख उद्देश्य है।
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