प्रत्यय और शब्द निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए। BHDLA-135 NOTEES

प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अंत में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्ययशब्द दो शब्दों से मिलकर बनता है – प्रति + अय। “प्रति” का अर्थ होता है ‘साथ में, पर बाद में’, और “अय” का अर्थ होता है ‘चलने वाला’, इसलिएप्रत्यय का अर्थ होता है ‘साथ में पर बाद में चलने वाला’।

प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं –

  1. मूल प्रत्यय: ये प्रत्ययमूल शब्दों में जुड़कर नए शब्द बनाते हैं। उदाहरण के लिए, “लड़का” शब्द में “-ता” प्रत्ययजोड़कर “लड़कता” शब्द बनता है।
  2. तद्धित प्रत्यय: ये प्रत्ययतद्भव शब्दों में जुड़कर नए शब्द बनाते हैं। उदाहरण के लिए, “वस्तु” शब्द में “-वान” प्रत्ययजोड़कर “वस्तुवान” शब्द बनता है।

प्रत्यय शब्द के अर्थ को बदलने के लिए निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं:

  1. शब्द का वर्ग बदलना: उदाहरण के लिए, “लड़का” शब्द में “-ता” प्रत्ययजोड़कर “लड़कता” शब्द बनता है, जो एक क्रिया हो जाता है।
  2. शब्द का अर्थ बदलना: उदाहरण के लिए, “वस्तु” शब्द में “-वान” प्रत्ययजोड़कर “वस्तुवान” शब्द बनता है, जिसका अर्थ “वस्तु से युक्त” होता है।
  3. शब्द में नया अर्थ जोड़ना: उदाहरण के लिए, “लड़का” शब्द में “-पन”प्रत्ययजोड़कर “लड़कपन” शब्द बनता है, जिसका अर्थ “लड़कों की अवस्था” होता है।

प्रत्यय शब्द निर्माण की प्रक्रिया में निम्नलिखित नियमों का पालन किया जाता है:

  1. प्रत्यय मूल शब्द के अंतिम वर्ण के आधार पर होते हैं, उदाहरण के लिए, “लड़का” शब्द में “-ता” प्रत्यय जोड़ सकता है, क्योंकि “क” वर्ण के बाद “-ता”प्रत्ययलग सकता है।
  2. यदि मूल शब्द के अंतिम वर्ण के बाद व्यंजन आता है, तो प्रत्यय के पहले एक स्वर जोड़ जाता है, उदाहरण के लिए, “घर” शब्द में “-ता” प्रत्ययलगने पर “गृहता” शब्द बनता है।
  3. यदि मूल शब्द के अंतिम वर्ण के बाद स्वर आता है, तो प्रत्यय सीधे जोड़ जाता है, उदाहरण के लिए, “लड़का” शब्द में “-ता” प्रत्ययलगने पर “लड़कता” शब्द बनता है।

प्रत्यय के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

मूलप्रत्यय: -ता – क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाता है, जैसे, “लड़ना” से “लड़ता”, “खाना” से “खाता” -वान् – विशेषण से विशेषण बनाता है, जैसे, “वस्तु” से “वस्तुवान”, “पुरुष” से “पुरुषवान” -पन – संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाता है, जैसे, “लड़का” से “लड़कपन”, “घर” से “घरपन”

तद्धितप्रत्यय: -दार – संज्ञा से विशेषण बनाता है, जैसे, “घर” से “घरदार”, “धन” से “धनदार” -वान – संज्ञा से विशेषण बनाता है, जैसे, “वस्तु” से “वस्तुवान”, “पुरुष” से “पुरुषवान” -ता – क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाता है, जैसे, “लड़ना” से “लड़ता”, “खाना” से “खाता”

प्रत्ययशब्द निर्माण की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिससे हम नए शब्द बना सकते हैं और अपनी भाषा को समृद्धि में बढ़ा सकते हैं।

वर्तनी के नियमों को विस्तार से लिखिए। BHDLA-136 NOTES

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