क्या आप जानते है ज्यादातर बुध्दिमान लोग अपने दिमाग का कौन सा हिस्सा कैसे उपयोग करते है-

हमारा दिमाग (mind) दो हिस्सों दायें व बायें से कार्य करता है। हम अक्सर ज्यादातर दिमाग (mind) के बायें हिस्से का ही उपयोग करते है। दिमाग (mind) के दायें हिस्से का उपयोग बहूत कम करते है। दोनों हिस्से समस्याओं को लेकर अलग अलग ढंग से अलग अलग व्याख्या करते है व अलग अलग तारीके से समस्या को सुलझाने के सुझाव देते है। परंतु जो लोग  बुध्दिमान होते है वो दोनों हिस्सों का उपयोग करते है।

 

आइये जानते है दिमाग (mind) के ये दोनों हिस्से किस तरह काम करते है-

  1. दाया हिस्सा- दायां (Mind) हिस्सा कल्पना और विवेक दोनों अनुठी मानवीय प्रतिभा का उपयोग करने में सक्षम होता है। इससे हम समस्या के समाधान के लिए प्रथम रचना करने में सक्षम हो जाते है। जब तक हमारी समस्या के समाधान को लेकर प्रथम रचना सही नही होगी तब तक हम समस्या को सही तारीके से सुलझा नही पायेगें। इसलिए यह बहूत जरुरी है कि कल्पना व विवेक के द्वारा दाये हिस्से का उपयोग करें। जब हम किसी समस्या को लेकर कल्पना करते है विवेक द्वारा उसके अच्छे व बूरे दोनों पहलु की जांच करके समस्या को सुलझाते है तो अवश्य ही असरकारी प्रभाव देखने को मिलते है। इसलिए दायां बहूत अंतर्ज्ञानी व और रचनात्मक होता है।
  2. बायां हिस्सा- हमारा बायां हिस्सा बहूत तार्किक होता है। वह हर समस्या को तर्कों को इक्कट्ठा करके उसे तोलमोल कर देखता है। फिर आपने सामधान देता है। यह समस्या को सुलझाने के लिए घिसे पिटे सुझाव को ही आपनाता है। वह नये सुझाव देने में सझम नही होता है। वह समस्याओ को हिस्सो में वर्णन करता है। वह हिस्सों को जूड कर समस्या का समाधान नही करता है। मतलब बायां हिस्सा सिर्फ समस्या सुलझाने के समाधान पर ही ध्यान देता है। समाधान से होने वाले अच्छे बूरे पहलू की जांच करने में असमर्थ होता है। जबकि जब हम दाये हिस्से का उपयोग करते है तो वह हमे समाधान के साथ उसे होने वाले अच्छे बूरे दोनों पहलु से अवगत कराता है।

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