‘बीती विभावरी जाग री’ कविता
“बीती विभावरी जाग री” एक अद्भुत कविता है, जिसे जयशंकर प्रसाद द्वारा रचा गया है। इस कविता में दृष्टि एक सुंदर प्राकृतिक वातावरण, उसकी अनुपमता और मानव-प्राकृतिक संबंधों की अद्वितीयता की ओर होती है।
द्वारा किए गए एक संक्षेप में, ‘बीती विभावरी जाग री’ कविता का सारांश निम्नलिखित है:
कविता अपने पूरे धाराप्रवाह के माध्यम से प्रकृति की सुंदरता को चित्रित करती है। जयशंकर प्रसाद के अलौकिक भाषा और अद्वितीय रूप से चित्रित चित्रों के माध्यम से, प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजन्तुओं की रूपरेखा, और उनका साहित्यिक वर्णन किया गया है।
कविता में सांस्कृतिक समृद्धि और प्राकृतिक संबंधों का महत्वपूर्ण स्थान है। यह व्यक्ति को अपनी मौलिकता से जोड़कर सुशिक्षित करने का सन्देश देती है।
कविता का सारांश यह है कि हमें प्रकृति के साथ एकता बनाए रखने की आवश्यकता है, और हमें इसकी सुंदरता को समझने और महसूस करने का समय निकालना चाहिए। यह हमें आत्मा की शांति और संतुलन में मदद कर सकता है।
पहला पद: “बीती विभावरी जाग री”
इस पद में, कवि विविध प्राकृतिक दृश्यों का वर्णन करते हैं जो रात्रि के बीतने के साथ उत्तर की ओर चल रहे हैं। अंबर-पनघट, तारा-घट, मधु-मुकुल नवल रस गागरी आदि के सौंदर्यपूर्ण तत्वों का उल्लेख है, जो प्राकृतिक सौंदर्य की अद्वितीयता को प्रमोट करता है।
विशेषता:
- प्राकृतिक दृश्यों का अद्वितीय और सुंदर चित्रण।
- सौंदर्यपूर्ण तत्वों का उल्लेख, जो आकाशीय सौंदर्य को बढ़ाते हैं।
दूसरा पद: “खग-कुल कुल-कुल-सा बोल रहा”
इस पद में, कवि खग-कुल की भव्यता और सौंदर्य को बोलते हैं, जिससे व्यक्ति में गर्व और सम्मान की भावना उत्पन्न होती है। किसलय का अंचल डोल रहा, जिससे प्रकृति के साथ व्यक्ति का मिलन हो रहा है, उसे चित्रित किया गया है।
विशेषता:
- खग-कुल की भव्यता का चित्रण।
- प्रकृति के साथ व्यक्ति के मिलन की भावना।
तीसरा पद: “अधरों में राग अमंद पिए”
इस पद में, कवि व्यक्ति के अधरों में राग का उल्लेख करते हैं जो सौंदर्य, भावना, और आनंद से भरे हैं। इससे यह सुझावित होता है कि व्यक्ति प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेता है और उसमें रमणीयता का आनुभव करता है।
विशेषता:
- अधरों में राग का चित्रण।
- सौंदर्य, भावना, और आनंद के साथ जुड़े व्यक्ति के भावनात्मक स्थिति का वर्णन।
चौथा पद: “आँखों में भरे विहाग री”
इस पद में, कवि आँखों में भरे गए विहाग की चित्रण करते हैं, जिससे व्यक्ति की उच्च भावना और उत्कृष्टता की प्राप्ति का सुझाव होता है। यह एक अद्वितीय चित्रण है जो आत्मा की उच्चता को दिखाता है।
विशेषता:
- आँखों में भरे गए विहाग का चित्रण।
- आत्मा की उच्चता और प्रेरणा को दर्शाने वाला अद्वितीय पद।
(ক) ‘बीती विभावरी जाग री’ कविता में प्रकृति-सौंदर्य का सुंदर चित्रण है। उसके संदर्भ में आप अपने दैनिक जीवन में प्रकृति में क्या परिवर्तन करना चाहते हैं ?
कविता ‘बीती विभावरी जाग री’ ने मुझे प्रकृति के सौंदर्य की अद्भुतता से परिचित कराया है। मेरे दैनिक जीवन में, मैं प्रकृति के साथ एक अधिक संबंध बनाने का प्रयास करना चाहूँ। मैं चाहता हूँ कि मैं अपने समय का एक हिस्सा निकालूँ और प्रकृति के साथ समय बिताऊं, चाहे वह पार्क में बैठक हो, या अपने आस-पास के सुरम्य स्थानों में चलना हो। मेरा उद्देश्य है कि मैं इस अद्वितीय और सुंदर प्रकृति का अधिक से अधिक आनंद ले सकूं और उसकी सुरक्षा के लिए अपना योगदान दूं। इससे न केवल मैं बल्कि भविष्य की पीढ़ियाँ भी इस अद्वितीय संसार का सम्मान करेंगी और इसका सही तरीके से समर्थन करेंगी।