समायोजन क्या है? समायोजन का अर्थ क्या है?

नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में पढ गए समायोजन क्या है? समायोजन का अर्थ क्या है?

सबसे पहले हम जानेंगे समायोजन का अर्थ क्या होता है जैसा कि  उच्चारण करते समय यह ज्ञात होता है। समायोजन अर्थात समा जाना यानी कि किसी चीज में अपने आप को ढालना ही समायोजन का अर्थ कहलाता है या कहा जाता है।

यदि अगर हम लोग दूसरे शब्दों में देखें तो कोई मनुष्य अपनी आवश्यकताओं के अनुसार वातावरण के साथ घुल जाता। उसी के अनुरूप ढल जाता है या उसी के तालमेल में बैठ जाता या बैठा था अपनी परिस्थिति को तो उसी को हम लोग समायोजन कहते हैं।

समायोजन क्या है?

विस्तार में यह भी बताया गया है जैसा कि हम लोग जानते हैं कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। मनुष्य समाज में रहना पसंद करता है। पृथ्वी पर अलग-अलग क्षेत्रों की बात करें तो सभी जगह का जलवायू एक जैसी नहीं है। कहीं ज्यादा सर्दी है तो कहीं ज्यादा गर्मी रहती है तो कहीं सालों भर भर साथ ही रहती है। लेकिन जरा सोचिए इन सभी अलग-अलग जगह के लोग किस प्रकार से अपना जीवन यापन करते होंगे। यह सभी लोग अपने आप को उस वातावरण में डाल लेते हैं। उसी में अनुरूप हो जाते हैं। उस क्षेत्र के बाद और उनके अनुसार अनुकूल बन जाते हैं। यह प्रक्रिया  समायोजनहै।

समायोजन किसे कहते हैं?

मनुष्य अपने आपको जिस परिवेश में रहता है, उसके अनुकूल ढालने का प्रयास करता है। इस प्रक्रिया में मनुष्य के व्यवहार एवं रहन सहन में परिवर्तन होता है। इसे प्रक्रिया को समायोजन करते हैं।

समायोजनकी परिभाषा क्या है? 

बोरिंग और गेट्स दो वैज्ञानिकों ने अपने भाषा में इस को परिभाषित किया है। बोरिंग के अनुसार वह प्रक्रिया जिसके द्वारा प्राणी अपनी आवश्यकताओं और इन आवश्यकताओं की पूर्ति को प्रभावित करने वाली परिस्थिति में संतुलन रखता है।

अब देख लेते गेट्स के अनुसार क्या है?  गेट्स के अनुसार वह नियंत्रण चलने वाली प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य अपने और वातावरण के बीच संतुलन संबंध रखने के लिए अपने व्यवहार में परिवर्तन करता रहता है।

समायोजनकी प्रकृति एवं विशेषताएं –

  1. इस प्रक्रिया में मनुष्य और वातावरण दोनों प्रभावित होते हैं।
  2. यह आवश्यकताएं एवं दबाव के बीच तालमेल बैठाने वाली प्रक्रिया है।
  3. निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।
  4. ह द्विध्रुवी प्रक्रिया है। समाज की उन्नति समायोजित लोगों पर निर्भर करती है।

बेल समायोजनसूची: 1934 में, बेल ने मनुष्य की समायोजनसमस्याओं का निदान करने के लिए इस परीक्षा को विकसित किया। यह घर, स्वास्थ्य, विद्यालय, स्वयं इत्यादि जैसी विभिन्न स्थितियों में किसी मनुष्य के समायोजन का परीक्षण करता है। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य समायोजनशर्मनाकता, विनम्रता, अंतर्दृष्टि और घर के साथ संतुष्टि या असंतोष के मामले में मूल्यांकन किए गए गृह जिंदगीसमायोजन के मामले में मापा जाता है।

भावनात्मकसमायोजन अवसाद और घबराहट के मामले में जांच की जाती है। इसमें दो रूप हैं – छात्र रूप और व्यावसायिक रूप। “हां” या “नहीं” फ़ॉर्म में 140 आइटमों का उत्तर दिया जाना चाहिए। यह बेहद विश्वसनीय और मान्य है। इसका अनुवाद विभिन्न भारतीय भाषाओं में नहीं किया गया है।

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