A TEN DAY FAST By Harishankar Parsai
“A TEN DAY FAST ” प्रसिद्ध हिंदी लेखक, हास्यवादी और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता श्री हरीशंकर पारसाई द्वारा लिखित एक व्यंग्य लेखन है। इसका अनुवाद सीएम द्वारा हिंदी से अंग्रेजी में किया गया है। नैम और चंद्रमा, कथ, नई दिल्ली, 2003 पर इंस्पेक्टर माटाडेन में प्रकाशित किया गया है। व्यंग्य विडंबना और अन्य के उपयोग से लोगों के समाज, समाज और परिस्थितियों के नकारात्मक बिंदु, कमी और नुकसान को उजागर करने का एक तरीका है। साहित्यिक उपकरण ताकि वास्तविक शिकार प्रभावित न हो।
TEN DAY FAST सारांश:
कहानी “A TEN DAY FAST ” भारतीय लोकतंत्र की कमी को उजागर करती है कि कैसे एक व्यक्ति आत्म-विद्रोह की धमकी दे रहा है, देश में लाखों लोगों के भाग्य को सील कर सकता है। यह भारतीय लोकतंत्र पर ही एक व्यंग्य है, कानून, राज्य, न्यायपालिका और तथाकथित सार्वजनिक राय जो लोकतंत्र के काम में अक्षमता लाती है।
कहानी सीधे, सीधा शैली में नहीं लिखी गई है बल्कि इसके बजाय दिन-प्रतिदिन वर्णन विधि का पालन करती है। स्वतंत्रता के बीस वर्षों के बाद यह निर्धारित किया जाता है जब सभी चालाक राजनैतिक रणनीति देश में उपवास, आत्म-प्रतिरक्षा के खतरे आदि जैसी मानक थी।