पाठ 2 – दोहे
पहले दोहे में, कवि बताते हैं कि व्यक्ति की पहचान उसके वंश या समृद्धि से नहीं, बल्कि उसके आचरण और सद्गुणों से होती है। दूसरे दोहे में स्वभाव को निर्मल रखने के लिए, निंदक...
पहले दोहे में, कवि बताते हैं कि व्यक्ति की पहचान उसके वंश या समृद्धि से नहीं, बल्कि उसके आचरण और सद्गुणों से होती है। दूसरे दोहे में स्वभाव को निर्मल रखने के लिए, निंदक...
“बीती विभावरी जाग री” एक अद्भुत कविता है, जिसे जयशंकर प्रसाद द्वारा रचा गया है। इस कविता में दृष्टि एक सुंदर प्राकृतिक वातावरण, उसकी अनुपमता और मानव-प्राकृतिक संबंधों की अद्वितीयता की ओर होती है।...